Main Story

Editor’s Picks

Trending Story

WWE के दिग्गज हल्क होगन का निधन, 71 साल की उम्र में ली आखिरी सांस
रेसलर हल्क होगन का गुरुवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक 71 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

 

देश की राजधानी दिल्ली में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है. शुक्रवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 7 दिनों तक दिल्ली और उसके आसपास इलाकों में बारिश का मौसम बना रहेगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

राष्ट्रीय राजधानी में 12 साल और उससे अधिक आयु की महिलाओं और ट्रांसजेंडर को सभी डीटीसी और क्लस्टर बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा देने के लिए सहेली स्मार्ट कार्ड दिया जाएगा, जिस पर धारक का नाम और फोटो अंकित होगा। एक अधिकारी ने बताया कि स्मार्ट कार्ड नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) के तहत यह स्मार्ड कार्ड जारी किया जाएगा।

सबका नहीं, जानिए किसका बनेगा सहेली स्मार्ट कार्ड
मौजूदा कागज-आधारित गुलाबी टिकट के विपरीत इस कार्ड से केवल डीटीसी और क्लस्टर बसों में मुफ्त यात्रा की जा सकेगी तथा परिवहन के अन्य साधनों का उपयोग करने के लिए रिचार्ज और टॉप-अप की जरूरत पड़ेगी। अधिकारी ने कहा, ‘यह डिजिटल कार्ड प्राप्त करने के लिए आवेदक को दिल्ली का वास्तविक निवासी होना चाहिए, उसकी आयु 12 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए तथा उसके पास पते का वैध प्रमाण होना चाहिए। उन्हें डीटीसी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा, सहभागी बैंक का चयन करना होगा तथा चुनी गई बैंक शाखा में फुल केवाईसी वेरिफिकेशन पूरा करना होगा।’

ये डॉक्युमेंट्स होंगे तभी बनेगा सहेली स्मार्ट कार्ड
अधिकारी ने बताया कि केवाईसी पूरी हो जाने के बाद बैंक आवेदक के पंजीकृत पते पर यह स्मार्ट कार्ड भेज देगा। उन्होंने आवश्यक दस्तावेजों के बारे में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि स्मार्ट कार्ड प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, दिल्ली में निवास का प्रमाण, पासपोर्ट आकार की फोटो तथा बैंक-विशिष्ट केवाईसी मानदंडों के तहत अन्य दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और बैंक से केवाईसी जरूरी
दिल्ली सरकार ने कहा कि ये कार्ड महिलाओं और ट्रांसजेंडर के लिए सुरक्षित, सुगम और पेपरलेस सार्वजनिक परिवहन का नया दौर शुरू करेंगे। अधिकारी ने बताया कि सरकार यात्रियों से यात्रा के लिए कोई शुल्क नहीं लेगी, लेकिन जारीकर्ता बैंक अपनी नीतियों के अनुसार मामूली कार्ड जारी करने या रखरखाव शुल्क लगा सकते हैं। उन्होंने बताया कि कार्ड खो जाने की स्थिति में उपयोगकर्ताओं को इसकी सूचना जारीकर्ता बैंक को देनी होगी, जो अपनी शर्तों के अनुसार इसके बदले दूसरा कार्ड उपलब्ध करा सकते हैं।

डीटीसी नहीं, बैंक जारी करेगा कार्ड
उपयोग से पहले कार्ड को डीटीसी के ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम (एएफसीएस) के माध्यम से सक्रिय करना होगा। यद्यपि टॉप-अप के बाद कार्ड का उपयोग परिवहन की अन्य सुविधाओं पर भी किया जा सकता है, लेकिन इस योजना के तहत मुफ्त यात्रा का लाभ डीटीसी और क्लस्टर बसों तक ही सीमित है। अधिकारी ने कहा, ‘डीटीसी खुद कोई भी कार्ड जारी नहीं करेगी। पंजीकरण डीटीसी पोर्टल के माध्यम से पूरी तरह से ऑनलाइन होगा और चयनित बैंक कार्ड तभी जारी करेंगे जब पूर्ण केवाईसी सत्यापन हो जाएगा।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अमेरिका की राजनीति में लंबे समय से 2 दलीय व्यवस्था है। अमेरिका में अब तक रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक 2 पार्टियों का ही दबदबा रहा है, ऐसे में क्या एलन मस्क की राजनीति में एंट्री और उनकी अमेरिका पार्टी अमेरिका की इस 2 दलीय व्यवस्था को तोड़ने में कामयाब होगी, क्योंकि एलन मस्क ने राजनीति में आने का मुख्य कारण डोनाल्ड ट्रंप को बताया है। साथ ही इन 2 दलों का दबदबा खत्म करने और लोगों को तीसरा विकल्प देने का दावा भी किया है तो आइए जानते हैं कि एलन मस्क और उनकी पार्टी का अमेरिका की राजनीति पर कैसे और कितना असर पड़ेगा
रिपब्लिकन-डेमोक्रेटिक के कट सकते हैं वोट
राजनीति में एंट्री करते ही एलन मस्क ने साल 2026 के मिड टर्म इलेक्शन लड़ने के संकेत दिए हैं। ऐसे में साल 2026 के चुनाव में अमेरिका में रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है। मस्क की ‘अमेरिका पार्टी’ से रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी दोनों को नुकसान होने की संभावना है। दोनों पार्टियां अपना यंग वोट बैंक खो सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो मस्क दोनों के लिए 2026 और 2028 के चुनाव में बड़ा झटका साबित हो सकते हैं। दोनों दल और उनकी रणनीति कमजोर पड़ सकती है।

रिपब्लिकन पार्टी को ज्यादा नुकसान होगा
एलन मस्क की पार्टी का फोकस रिपब्लिकन वोटर्स को अट्रैक्ट करना है, लेकिन डेमोक्रेट्स के कुछ समर्थक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और टेक्नोलॉजी को लेकर एलन मस्क के विचारों से सहमत होकर उनकी ओर खिंच सकते हैं। इससे डेमोक्रेटिक पार्टी को कैलिफोर्निया जैसे टेक्निकल सेंटर्स में नुकसान उठाना पड़ सकता है। दूसरी ओर एलन मस्क रिपब्लिक के वोट काटने में कामयाब होते हैं तो अप्रत्यक्ष रूप से इसका फायदा डेमोक्रेटिक को हो सकता है, क्योंकि मस्क को बतौर राजनेता और उनकी पार्टी को बतौर नेशनल पार्टी पहचान मिलने में अभी समय लगेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

भारत ने पहलगाम हमले के बाद पीओके आतंकी शिविरों पर हमला किया था। इन हमलों में ड्रोन और राफेल लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया था। इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के 3-4 लड़ाकू विमान मार गिराने का दावा किया था। अब इस मामले में फ्रांस की खुफिया रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार फ्रांस की खुफिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि पाकिस्तान के राफेल लड़ाकू विमान गिराने की अफवाह सबसे पहले चीन ने फैलाई थी। ताकि वह राफेल को युद्ध में उपयोग की दृष्टि से विफल साबित कर सके। इस प्रोपेगैंडा के जरिए चीन राफेल जेट विमानों की बिक्री को प्रभावित करना चाहता था। चीन अपने दूतावास के जरिए इन विमानों को खरीदने वाले देशों को बताया कि किस तरह चीन के बनाए लड़ाकू विमानों ने फ्रांस में बने लड़ाकू विमानों को धूल चटाई है। the news india live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!